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    विवेक रामास्वामी

    भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी को वापस लेने का निर्णय किया है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स को मंगलवार को इस निर्णय की सूचना दी, जिसके अनुसार वे अब चुनाव में भाग नहीं लेंगे। दरअसल, मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राज्य आयोवा में वो रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का चुनाव हार गए। इसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की। CNN के मुताबिक, विवेक इस रेस में चौथे पायदान पर रहे।विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर निकलते हुए कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म करता हूं।

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    अमेरिका के ओहायो में जन्मे विवेक रामास्वामी

    38 साल के विवेक रामास्वामी का जन्म ओहायो में हुआ। उनके माता-पिता भारत के अप्रवासी थे। विवेक ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। येल में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात अपूर्वा से हुई। दोनों ने साल 2015 में शादी कर ली। 2014 में उन्होंने अपनी खुद की बायोटेक कंपनी, रोइवंत साइंसेज की स्थापना की, जिसने उन दवाओं के लिए बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदे। रामास्वामी ने 2021 में CEO पद से इस्तीफा दे दिया था।

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    ट्रम्प ने रामास्वामी को फ्रॉड कहा था

    आयोवा के चुनावों में दूसरे नंबर पर फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी-सेंटिस और तीसरे नंबर पर भारतीय मूल की निक्की हेली रहीं। इससे पहले आयोवा में वोटिंग शुरू होने के आधे घंटे के अंदर ही मीडिया रिपोर्ट्स में ट्रम्प की जीत घोषित कर दी गई थी।आयोवा राज्य में उम्मीदवारी के लिए चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी पर जमकर निशाना साधा था। ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को सीधे-सीधे फ्रॉड और ठग करार दिया था। एक बयान में डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समर्थकों को रामास्वामी का साथ देने के खिलाफ चेतावनी भी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि विवेक को वोट देना विपक्षी पार्टी को वोट देने जैसा होगा।

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    4 क्रिमिनल केस और 2 अमेरिकी राज्यों में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से बाहर होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प पहला चुनाव जीत लिया है। अलजजीरा के मुताबिक, आयोवा रिपब्लिकन नेशनल कनवेंशन का सिर्फ 1.6% ही है। यानी चुनाव के लिहाज से यह बहुत बड़ा राज्य नहीं है।

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