बीवीआर सुब्रमण्यम ने नवीनतम घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुए यह दावा किया है कि भारत में गरीबी कम हो रही है और देश तरक्की कर रहा है। अगस्त 2022 और जुलाई 2023 के बीच हुए सर्वेक्षण से पता चलता है कि सरकार द्वारा लागू किए जा रहे गरीबी उन्मूलन उपाय कारगर हैं. सुब्रमण्यम ने बताया कि घरेलू खपत पर सर्वेक्षण का डेटा, गरीबी उन्मूलन के प्रयास की सफलता का मूल्यांकन करने में एक महत्वपूर्ण मापदंड है. नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खपत में ढाई गुना वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि 2011-12 के बाद शहरी परिवारों में मासिक व्यक्ति उपभोग व्यय ने 33.5 प्रतिशत बढ़कर ₹ 3,510 तक पहुंच जाना है.
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भारत में गरीबी कम हो रही है ग्रामीण और शहरी इलाकों में खपत ढाई गुना
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खपत में ढाई गुना वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि 2011-12 के बाद शहरी परिवारों में मासिक व्यक्ति उपभोग व्यय ने 33.5 प्रतिशत बढ़कर ₹ 3,510 तक पहुंच जाना है, जबकि ग्रामीण भारत में 40.42 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो ₹ 2,008 तक पहुंच गया. सर्वेक्षण के अनुसार, पहली बार ग्रामीण परिवारों ने अपने कुल खर्च का 50 प्रतिशत से भी कम भोजन पर आवंटित किया है.
बीवीआर सुब्रमण्यम ने इन आंकड़ों के आधार पर कहा कि देश में गरीबी कम हो रही है, और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने आने वाले सालों में शहरों और गांवों में खपत में समानता की संभावना को बताते हुए, खाद्य, पेय पदार्थ, प्रसंस्कृत भोजन, दूध, और फलों की खपत में वृद्धि का उल्लेख किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य और शिक्षा के लाभों का सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया है, जो गरीबी और अभाव में सुधार की सफलता को सुझाता है.
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