पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला बयान सामने आया है.
इस वीडियो के माध्यम से सिद्धू ने आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश की है.
पंजाबी भाषा में जारी किए गए इस वीडियो में उन्होंने कहा कि पंजाब के एजेंडे के लिए हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा.
सिद्धू ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वो आलाकमान को गुमराह नहीं कर रहे.
उन्होंने कहा, नैतिकता से किसी तरह का समझौता नहीं करूंगा.
सिद्धू ने कहा, ‘मेरी किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं है.
मेरी लड़ाई मुद्दों की है, पंजाब के एजेंडे की है.’
सिद्धू बोले सिस्टम में गड़बड़ी आज भी बर्दाश्त नहीं है और गड़बड़ी फैलाने वालों को पहरेदार नहीं बना सकते.
उन्होंने कहा कि सच के लिए लड़ा हूं और वादा है लड़ता रहूंगा.
सिद्धू ने कहा, ‘मैं पंजाब से जुड़े मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा
सिद्धू ने कहा, ‘मैं पंजाब से जुड़े मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा.
यहां पहले दागी नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी थी.
अब आप उसी प्रकार के व्यवस्था को दोबारा नहीं दोहरा सकते.
पंजाब के लोगों के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं.
लेकिन मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा.’
सिद्धू ने इस वीडियो में कहा, ‘मेरा 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के लिए रहा.
पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़ा रहना यही मेरा धर्म है.
मेरी आज तक किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं रही.’उन्होंने आगे अपने बयान में बताया, ‘मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता.
इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा.
इसके लिए मुझे कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है.’ वीडियो के अंत में सिद्धू ने अपने अंदाज में कहा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, अगर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है.