कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टर अनशन पर बैठे हुए हैं। वे मृतक के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाने से इनकार कर दिया और जूनियर डॉक्टरों से अनशन खत्म कर काम पर लौटने की अपील की। इसके अगले ही दिन टीएमसी नेता कुणाल घोष ने ममता बनर्जी की प्रशंसा करते हुए वामपंथी पार्टियों पर हमला बोला।
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कोलकाता : टीएमसी नेता कुणाल घोष का बयान
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्सर प्रदर्शनकारियों से मिलने जाती हैं या उन्हें अपने निवास पर बुलाती हैं। वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। वामपंथी दल विरोध की आड़ में छात्रों को अनशन पर बैठा रहे हैं, जो गलत है। छात्रों को अपना अनशन समाप्त करना चाहिए और बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए। अगर वामपंथी और अति-वामपंथी प्रभाव में रहकर उन्होंने अनशन खत्म नहीं किया, तो हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएंगे। अगर इस वजह से किसी मरीज को परेशानी होती है, तो मरीजों से डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया है।
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क्या है पूरा मामला?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी।
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