• Sun. Dec 22nd, 2024
    Dimple Yadav

    सपा सांसद और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी, डिंपल यादव, ने लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ में जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षित पद विशेष आरक्षित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए अलग कोटा निर्धारित किया जाए।

    Also read :- ‘World Cup Jeetne Ke Baad..’: Rohit Sharma’s Million Dollar Reaction

    तीन तलाक का किया जिक्र डिंपल ने

    डिंपल ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों की आरक्षण की प्रावधानिकता वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘तीन तलाक’ के विषय में बात की और ऐसे में उनसे उम्मीद की जाती है कि आरक्षण विधेयक में अल्पसंख्यक महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।

    Also read :- PM Narendra Modi Suggests Renaming Parliament Building as ‘Samvidhan Sadan’

    उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी, ने यह सवाल भी पूछा कि चुनाव से पहले सरकार को महिलाओं की याद क्यों आई? उन्होंने पूछा, ‘क्या आरक्षण अगले लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं?’ डिंपल यादव ने कहा कि सरकार को जाति जनगणना और परिसीमन की तारीखों का जवाब देना चाहिए।

    women reservation

    Also read : – अमेरिका ने तालिबान से अंतरराष्ट्रीय संबंध बेहतर बनाने के प्रयास का किया आह्वान

    सपा ने पहले कई मौकों पर इसी मांग के आधार पर विरोध किया था: डिंपल

    डिंपल ने कहा कि ‘समाजवादी पार्टी की मांग है कि आरक्षण में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी शामिल किया जाए।’ समाजवादी पार्टी ने पूर्व में कई अवसरों पर महिला आरक्षण विधेयक के इसी मांग के आधार पर विरोध किया था, क्योंकि उनके अनुसार इसमें ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए अलग कोटा होना चाहिए।’

    Also read : Celebrating Ganesh Chaturthi – The Joyous Festival of Lord Ganesha

    ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के बाद महिला सदस्यों की संख्या 181 हो जाएगी

    ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ (महिला आरक्षण बिल) के कानून बन जाने के बाद, 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर ली जाएंगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीटों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षण होगा।

    Share With Your Friends If you Loved it!