अजित पवार द्वारा एनसीपी में हुई बगावत के बाद से ही अजित और शरद गुट के नेता आपस में मुखाएं कर रहे हैं। अब शरद गुट ने पार्टी के अधिकार के लिए कानूनी यात्रा को गतिशीलता दी है। महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के कुछ समय से उठा-पटक का दौर जारी है। आने वाले कुछ समयों तक इसके शांत होने के भी कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। एक ओर शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट के नेता एक-दूसरे के साथ भाषण कर रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर एनसीपी के शरद-अजित गुट भी एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। अब खबर आई है कि शरद पवार कैंप ने अजित पवार गुट के खिलाफ कदम उठाया है।
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कानूनी लड़ाई की तैयारी
अजित पवार की बगावत और उनके साथ जुड़े विधानसभा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ, शरद पवार कैम्प ने कानूनी युद्ध को तेज किया है। शरद ग्रुप के द्वारा विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरहे के पास दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पहली याचिका में पवार गुट के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल द्वारा दी गई है, जिसमें शेड्यूल 10 का उल्लेख किया गया है और उसके अंतर्गत राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य विक्रम काले, अमोल मिटकरी, सतीश चव्हान, और अनिकेत तटकरे की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।
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याचिका : जितेंद्र आव्हाड ने भी दी
दूसरी याचिका शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड़ द्वारा दाखिल की गई है। इस याचिका में शेड्यूल 10 के अनुसार, विधान परिषद सदस्य राम राजे नाइक निम्बाल्कर की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। याचिका को विधि मंडल सचिव के पास समीक्षा के लिए भेजा गया है। अब इन सभी सदस्यों को उनके पक्ष की ओर से विधि मंडल सचिव द्वारा देखा जाएगा।
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निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा गया
शरद पवार गुट ने केंद्रीय चुनाव आयोग के पास भी 500 पन्नों का उत्तर दिया है। इस उत्तर में शरद गुट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके गुट में शामिल 39 विधायकों को अपात्र घोषित किया जाना चाहिए।
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