मुर्शिदाबाद जिले में बुधवार को रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई झड़प की घटनाओं ने सियासी वातावरण को गरमा दिया है। भाजपा ने TMC सरकार को निशाना बनाया है, दावा करते हुए कि पुलिस ने बदमाशों का समर्थन किया। सुवेंदू अधिकारी जैसे विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल से NIA जांच की मांग की है।
राष्ट्रीय एजेंसी NIA से जांच कराएं
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को पत्र लिखकर मुर्शिदाबाद के रेजिनगर इलाके में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई झड़पों की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने राज्यपाल से कानून व्यवस्था पर दखल देने का अनुरोध किया है।
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रामनवमी पर पथराव किया गया और दुकानों में तोड़फोड़ की गई
इससे पहले, भाजपा की बंगाल इकाई ने आरोप लगाया है कि रैली पर पथराव किया गया और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। सुवेंदू अधिकारी ने कहा, ‘जिला प्रशासन की अनुमति से निकाली जा रही रामनवमी जुलूस पर शक्तिपुर में उपद्रवियों द्वारा हमला किया गया। अजीब बात यह है कि इस बार ममता पुलिस ने इस भयानक हमले में बदमाशों का साथ दिया और राम भक्तों पर आंसू गैस के गोले दागे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जुलूस अचानक समाप्त हो जाए।’
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रामनवमी की रक्षा करने में विफल रही पुलिस
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘पिछले साल की तरह, जब ममता पुलिस की नीयत की कमी के कारण डालखोला, रिशरा और सेरामपुर में रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ, तो इस साल भी ममता पुलिस रामभक्तों की रक्षा करने में विफल रही। इतना ही नहीं, ममता पुलिस बदमाशों को माणिक्यार मोड़ पर सनातनी समुदाय से संबंधित दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट करने से नहीं रोक सकी। यह TMC ममता बनर्जी के उकसावे और उकसावे का नतीजा है। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की ओर से विफलता पर ध्यान दे।’
सीएम ममता ने दी थी चेतावनी
बता दें, यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद हुई है। उनकी यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा मुर्शिदाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक को जिले में हिंसा और अधिकारी की कथित निगरानी की कमी के आरोप में हटाए जाने के बाद आई है।
ममता बनर्जी ने कहा था, ‘यहां तक कि आज भी सिर्फ भाजपा के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। भाजपा दंगों और हिंसा को भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है तो इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून-व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।’
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