तीन हरियाणा के निर्दलीय विधायक ने अपना समर्थन वापस लेने के लिए राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा। इनमें पूंडरी से विधायक रणधीर सिंह गोलन, चरखी दादरी से सोमबीर सिंह सांगवान, और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर शामिल हैं। लेकिन, दो विधायकों के पत्रों में तारीख नहीं होने के कारण, इसमें गड़बड़ी हो सकती है।
तीनों विधायकों ने रोहतक में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भाजपा सरकार से समर्थन वापसी और कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया था। इससे नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर दावा किया कि प्रदेश सरकार अल्पमत में है और सरकार को भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। जजपा और इनेलो ने भी सरकार गिराने के लिए कांग्रेस का साथ देने की बात कही थी और राज्यपाल को पत्र लिखा था।
ई-मेल आईडी से भेजे गए पत्र: निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी
हालांकि राजभवन ने तीन निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी के पत्र किसी अन्य ई-मेल आईडी से भेजे जाने के चलते उनको खारिज कर दिया था। इसी के चलते बुधवार को तीनों विधायकों ने अपने आधिकारिक ईमेल आईडी से राजभवन और विधानसभा सचिवालय को समर्थन वापसी के पत्र भेजे हैं। दूसरी तरफ, राज्यपाल के बुधवार देर रात तक राजभवन पहुंचने की उम्मीद है। कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिलने का समय मांग चुके हैं और ज्ञापन भी दे चुके हैं। अब राज्यपाल के रुख पर निर्भर करेगा कि वह इस पर क्या फैसला लेते हैं। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद का कहना है कि वह इस संबंध में राज्यपाल से मिलेंगे। उनके आने के बाद कार्यालय में संपर्क किया जाएगा।
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हरियाणा: विधानसभा में पत्रों की तारीख से जुड़ी गतिविधियों का विचार
इस संबंध में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि रणधीर सिंह गोलन व धर्मपाल सिंह गोंदर के पत्र आए हैं। बताते हैं कि इस पत्र पर तारीख नहीं डाली है। इसलिए विधानसभा ने इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि गोलन ने दावा किया है कि उन्होंने अपने पत्र पर हाथ से बुधवार की तारीख यानी 15 मई लिखी है। विधानसभा अब इस मामले में कानूनी रायशुमारी ले रही है।
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