नई दिल्ली ,Upper Caste Reservation केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण की घोषणा की। सरकार के इस फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कोई इसे पॉलिटिकल स्टंट बता रहा है तो कोई केंद्र सरकार के इस फैसले को सवर्णों के लिए बड़ी कामयाबी मान रहा है।
केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए सवर्णों वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसद आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एससीएसटी एक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में मिली हार के मद्देनजर इसे अगड़ों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया है। हालांकि मायावती ने इस फैसले को भाजपा की राजनीतिक चाल करार देते हुए सवाल किया कि सरकार ने ये फैसला पहले क्यों नहीं किया? मायावती ने मोदी सरकार के इस फैसले को गरीब सवर्णों के लिए ‘राजनीतिक छलावा’ बताया।
मोदी सरकार सवर्णों को आरक्षण देने के लिए जल्द ही संविधान में बदलाव करेगी। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव किया जाएगा। दोनों अनुच्छेद में बदलाव कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें कि पिछले साल जब सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में बदलाव करने का आदेश दिया था तब देशभर में दलितों ने काफी प्रदर्शन किया था। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया था।
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