वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे विपक्ष और मुस्लिम संगठनों को बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने लोकसभा में पेश होने वाले बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बिल का विरोध करने वाले मुसलमान नहीं हैं और कुछ मुस्लिम संगठन राजनीतिक फायदे के लिए गरीब मुसलमानों को इस्तेमाल कर रहे हैं।
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PM मोदी की तारीफ की
शादाब शम्स ने कहा, “गरीब मुसलमानों को पीएम मोदी से उम्मीदें हैं और इसीलिए हमने इस संशोधन विधेयक का नाम ‘उम्मीद’ रखा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उम्मीद की किरण हैं। पीएम मोदी सरकार ने तय किया है कि वे गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे। यह ’70 साल बनाम मोदी कार्यकाल’ है।”
पिछले दरवाजे से राज्यसभा जाना चाहते हैं कुछ मुस्लिम संगठन
उन्होंने कहा, “विपक्ष के पास 70 साल थे, लेकिन उन्होंने वक्फ को लूटा और गरीबों का हक छीना। वे मुसलमानों को मस्जिदें छिनने का डर दिखा रहे हैं। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे राजनीतिक मुसलमान हैं, कांग्रेस, सपा, आप और जद के समर्थक। उनके पीछे जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे संगठन हैं, जो राज्यसभा में पहुंचना चाहते हैं। वे वक्फ लाभार्थी हैं और इसे खोने से डरते हैं। हमें भरोसा है कि पीएम मोदी वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर गरीब मुसलमानों को उनका हक दिलाएंगे।”
AIMPLB ने सेक्यूलर दलों और सांसदों को लिखी चिट्ठी
वहीं, आपको बता दें कि वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू और टीडीपी के साथ आने के बाद वक्फ बिल के विरोधियों का प्लान अब फेल हो गया है बावजूद इसके मुस्लिम संगठन हार मानने को तैयार नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की तरफ से सभी सेक्यूलर दलों और उनके सांसदों को एक चिट्ठी लिखी गई है जिसमें उनसे वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ वोट देने की अपील की गई है। ये चिट्ठी AIMPLB के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सांसदों को लिखी है।
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