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    सियासी हलचल: क्या भाजपा बिना चेहरा घोषित किए असम की तर्ज पर लड़ेगी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव?

    सियासी हलचल: समाजवादी पार्टी के एमएलसी और अखिलेश यादव के करीबी संजय लाठर कहते हैं कि अगली सरकार तो उनकी पार्टी की ही बनेगी। लेकिन यदि 2022 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर होता है, तो हमारी ज्यादा सीटें आने की संभावना बढ़ जाएगी.

    उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कैबिनेट में फेरबदल या विस्तार की कोई खास जल्दी नहीं है। केंद्र सरकार में इसी तरह की सुगबुगाहट तेज है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट के सहयोगियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं।

    भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री की भी पार्टी के नेताओं, सहयोगियों से भेंट मुलाकात का सिलसिला तेजी से चल रहा है। लेकिन इस बीच में उत्तर प्रदेश में राख के नीचे दबाई गई आग अभी भी धधक रही है।

    भाजपा में मुख्यमंत्री योगी के विरोधी भी मान रहे हैं कि यदि उन्हें अगला मुख्यमंत्री घोषित करके चुनाव हुआ तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

    बसपा छोड़कर भाजपा में गए एक बड़े नेता को भी लग रहा है कि 2022 का विधानसभा चुनाव पार्टी बिना कोई मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए लड़ सकती है। वह कहते हैं कि असम में कहां पार्टी ने कोई चेहरा घोषित किया था।

    समाजवादी पार्टी के एमएलसी और अखिलेश यादव के करीबी संजय लाठर कहते हैं कि अगली सरकार तो उनकी पार्टी की ही बनेगी। लेकिन यदि 2022 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर होता है, तो हमारी ज्यादा सीटें आने की संभावना बढ़ जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी किसी काल्पनिक सवाल का उत्तर नहीं देना चाहते।

    उनके सचिवालय के सूत्र के अनुसार चुनाव को लेकर स्थिति अभी दो-तीन महीने बाद साफ होगी।

    सियासी हलचल: क्या कह रहे हैं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य?

    विधानसभा का चेहरा बनाए जाने के सवाल पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि इसका निर्णय तो केंद्रीय नेतृत्व लेगा। वह राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री हैं और इसके बारे में कैसे बोल सकते हैं।

    एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान भी केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसी भी राज्य में लीडरशिप के बारे में फैसला भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व करता है। राज्य के किसी नेता को इस बारे में बोलने का अधिकार नहीं है।

    जब अमित शाह भाजपा अध्यक्ष थे, तो उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले एक बात साफ तौर पर कही थी। अमित शाह ने कहा कि पार्टी चुनाव में चेहरा घोषित नहीं करेगी।

    इसका निर्णय चुनाव के बाद जीतकर आने वाले विधायक करेंगे। उत्तर प्रदेश के कई नेताओं को अभी भी इसकी उम्मीद है। उन्हें लग रहा है कि विधानसभा चुनाव 2022 तक भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे, लेकिन चुनाव के बाद पार्टी और राज्य को नया मुख्यमंत्री चेहरा मिल सकता है।

    यह उम्मीद केशव प्रसाद मौर्य की टीम को भी है। उनके प्रशंसक तो यहां तक कहते हैं कि सही मायनों में केशव को 2017 में ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल जानी चाहिए थी।

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