आज एक बार फिर से भारत का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है क्योंकि आज भारत की 19 साल की बेटी अवनि लखेरा ने टोक्यो पैरालिंपिक शूटिंग में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है।
मालूम हो कि अवनि का ये पहला ओलंपिक है, जिसमें उन्होंने स्वर्णिम इतिहास लिखकर, तिरंगे को इतराने का मौका दिया है।
आपको बता दें कि फाइनल में 249.6 का स्कोर हासिल कर अवनि ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। पैरालिंपक में गोल्ड जीतने वालीं वो पहली भारतीय महिला हैं।
अवनि लखेरा को 2012 में एक कार दुर्घटना में घायल होने के कारण व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ा, लेकिन सोमवार को पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद उन्हें लगता है कि जैसे कि वह दुनिया में शीर्ष पर हैं. अवनि ने एक बार में केवल एक शॉट पर ध्यान दिया और महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक जीता.
अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1, महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन एसएच1 और मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लेंगी.
एसएच1 राइफल वर्ग में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो हाथों से बंदूक थाम सकते हैं, लेकिन उनके पांवों में विकार होता है. इनमें से कुछ एथलीट व्हील चेयर पर…
अवनि ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया
लेकिन कहते हैं ना कि इंसान के हौसले के आगे सारे दर्द और सारी पीड़ा पीछे रह जाती है और कुछ ऐसा ही हुआ अवनि के साथ, उन्होंने अपने बुलंद इरादों से अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया और आज उसका नतीजा पूरा विश्व देख रहा है।