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    अमित शाह के बेटे जय शाह को ICC में मिली नई जिम्मेदारी, परिवारवाद को लेकर लोगों ने किया ट्रोल

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे व बीसीसीआई सचिव जय शाह को आईसीसीआई के वित्त और वाणिज्य के मामलों की समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस खबर के सोशल मीडिया पर आने के बाद लोग कई तरह की प्रतिक्रिया देते हुए परिवारवाद को लेकर अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं।

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ICC के एक सूत्र ने बताया है कि प्रत्येक सदस्य ने जय शाह को वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति के प्रमुख के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि आईसीसी चेयरमैन के अलावा यह समान रूप से ताकतवर उपसमिति है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले ICC के नए चेयरमैन के रूम में न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले को नियुक्त किया था। आईसीसी के नए चेयरमैन का कार्यकाल 2 साल का है।

    मीडिया यूजर्स ने मारा ताना

    सोशल मीडिया पर कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा परिवारवाद को लेकर दिए गए बयान का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कटाक्ष किया है। करण शेट्टी नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि भाई एलन मस्क से कुछ सीखो, सीधा आईसीसी खरीद ही डालो ना। प्रयाग नाम के एक यूजर ने लिखा कि जय को हेड ऑफ़ फाइनेंस बना दो। संजय सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘परिवारवाद के खिलाफ बोलने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को यह नहीं दिखाई देता है।’

    गणेश नाम के एक यूजर ने लिखा कि अब इससे अच्छे दिन कहां से आ सकते हैं? इसे तो मास्टर स्ट्रोक कहा जाएगा। सौरभ वर्मा नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – जय शाह का प्रमोशन होता जा रहा है और हमारी क्रिकेट टीम का डिमोशन। प्रभात नाम के एक यूज़र ने पीएम मोदी को टक्कर सवाल किया कि आप तो कहते हैं कि खेलों से परिवारवाद को दूर किया गया है। नेहा नाम की एक यूजर ने पूछा कि किस आधार पर इन्हें क्रिकेट के इतने बड़े पदों पर बैठाया जा रहा है? केवल इस आधार पर कि इनके पिता देश के गृह मंत्री हैं?

    जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही गुजरात के अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार में खेलों से परिवारवाद को दूर किया गया है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार परिवारवाद को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों पर निशाना साधते नजर आते हैं। ऐसे में ICC में जय शाह को अहम जिम्मेदारी मिली तो लोग परिवारवाद को लेकर कई तरह के सवाल खड़े करने लगे।

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