भारतीय शूटर अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है, जीतकर गोल्ड मेडल प्राप्त किया. उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल क्लास एसएच1 फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड को बराबर किया, और यह उन्हें पहला स्थान दिलाया. वह चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को प्रशंसा से प्राप्त हुई. उक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता. इस से भारत के पैरालंपिक शूटिंग में इतिहास बन गया है.
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अवनि ने इस इवेंट के क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया. उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था. इस भारतीय निशानेबाज ने शुरू से आखिर तक निरंतरता बनाये रखी और लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाये.
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पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ तीसरी भारतीय महिला
अवनि लेखरा पैरालंपिक में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ तीसरी महिला हैं. भाविना पटेल पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी महिला हैं. दीपा मलिक पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला है. उन्होंने रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था. उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है.
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अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली सिर्फ चौथी भारतीय खिलाड़ी हैं. पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मुरलीकांत पेटकर ने 1972 पैरालंपिक में दिलाया था. पेटकर ने पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 37.33 सेकंड का समय लेकर विश्व रिकार्ड बनाने के साथ स्वर्ण पदक जीता था. यह भारत का पैरालंपिक खेलों में पहला पदक था. इसके बाद देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस ओलंपिक 2004 और रियो ओलंपिक 2016 में जेवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड दिलाया. वहीं रियो खेलों में मरियप्पन थंगावेलु ने रियो खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था.
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