कहा जाता है कि हर मर्ज की एक ही दवा नहीं हो सकती, लेकिन पिछले वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टी-20 टीम में जितनी भी समस्याएं दिखीं सबकी दवा फिलहाल एक ही साबित हो रही है। दवा का नाम जानेंगे पहले मर्ज की फेहरिस्त देख लीजिए..
- भारतीय टीम में बॉलिंग डेप्थ की कमी
- कमजोर मिडिल ऑर्डर
- शुरुआत में दो-तीन विकेट गिरे तो पारी कौन संभालेगा
- डेथ ओवर्स में पावर हिटिंग कौन करेगा
- अगले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का ऑलराउंडर कौन होगा
जिस एक दवा ने इन सभी परेशानियों को हल कर दिया है उसका नाम है हार्दिक पंड्या। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में 51 रन की पारी भी खेली और चार विकेट भी लिए। हालांकि, ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब हार्दिक तमाम निगेटिव कारणों से चर्चा में थे।
पीठ की चोट ठीक नहीं हो रही थी। वे गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। भारतीय टीम ने उन्हें वर्ल्ड कप तक मौका दिया फिर ड्रॉप कर दिया। जिस मुंबई इंडियंस को उन्होंने कई बार चैम्पियन बनाया उसने तो एक सीजन भी इंतजार नहीं किया। पंड्या को रिटेन नहीं किया गया। पंड्या इससे टूटे नहीं। कड़ी मेहनत की। फिटनेस को दुरुस्त किया और ग्राउंड पर वापसी कर ली।