भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट मैच तीसरे दिन ही पारी और 132 रन से जीत लिया। पहली पारी में 177 रन बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में महज 91 रन पर ऑल आउट हो गई। यह ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट में भारत के खिलाफ बनाया गया दूसरा सबसे कम स्कोर है। 1981 में ऑस्ट्रेलिया टीम मेलबर्न में भारत के खिलाफ 81 रन पर आउट हो गई थी। इस जीत के साथ ही भारत ने 4 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-0 की बढ़त बना ली है।
ऑस्ट्रेलिया की टीम ने दूसरी पारी में भारतीय स्पिनर के सामने पूरी तरह हथियार डाल दिये। दूसरे ही ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा (5) को पवेलियन भेज दिया। दूसरे विकेट के लिए लाबुशेन और वॉर्नर ने 19 रन जोड़े। 17 रन बनाकर लाबुशेन एक बार फिर रविंद्र जडेजा का शिकार बने। इसके बाद तो अश्विन ने विकेट की झड़ी लगा दी। उन्होंने डेविड वॉर्नर (10) को एलबीडब्ल्यू किया। फिर मैट रेनशॉ (2), पीटर हैंड्सकॉम्ब (6) और एलेक्स कैरी (10) भी अश्विन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। इसके साथ ही उन्होंने 31वीं बार टेस्ट मैच की पारी में 5 विकेट झटके।
स्टीव स्मिथ एक छोर पर डटे रहे लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे. रवींद्र जडेजा ने पैट कमिंस को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को 67 रन पर सातवां झटका दिया और फिर अक्षर पटेल ने टॉड मर्फी को आउट कर मैच में अपना पहला विकेट हासिल किया। इसके बाद शमी ने नाथन लियोन को बोल्ड किया। शमी ने बोलैंड को आउट कर ऑस्ट्रेलिया की पारी का अंत किया। स्मिथ 25 रन बनाकर नाबाद रहे। अश्विन ने 5, जडेजा और शमी ने 2-2 जबकि अक्षर ने एक विकेट लिया।
अक्षर ने टीम को 400 तक पहुंचाया
इससे पहले मैच के तीसरे दिन पहले सेशन में अक्षर पटेल के 84 और मोहम्मद शमी के 37 रन की मदद से भारत ने 400 रन ठोक दिये। अक्षर और शमी ने नौवें विकेट के लिये 52 रन की साझेदारी की। भारत ने दूसरे के स्कोर सात विकेट पर 321 रन से आगे खेलना शुरू किया। रविंद्र जडेजा कल के ही स्कोर 70 रन पर टॉड मर्फी को अपना विकेट गंवा बैठ । पिच में तीसरे दिन भी बहुत बदलाव नहीं देखा गया और धीमी पिच पर बल्लेबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई।