ईरान की सड़कों पर हिजाब को लेकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ ईरान में खेले गए फज्र इंटरनेशल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट में एक ऐसा वाक्या हुआ जो चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, रविवार को भारत की तान्या हेमंत ने बैडमिंटन टूर्नामेंट में सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया। तान्या के खिताब जीने से ज्यादा मैच खत्म होने के बाद ऑवर्ड सेरेमनी और ईरान के रवैये की चर्चा हो रही है। तान्या हेमंत को गोल्ड मेडल लेने के लिए हिजाब पहनकर जाना पड़ा।
ईरान की एक महिला एथलीट तान्या को ईरानी अधिकारियों ने एक हेडस्कार्फ़ पहनने के लिए कहा था। इसके बाद तान्या दुपट्टा पहनकर पोडियम पर गईं और अपना गोल्ड मेडल लिया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी विवाद हो गया है, क्योंकि ईरान में कई महिलाएं सड़क पर हिजाब पहनने का विरोध कर रही हैं। हालांकि, आंदोलन अब भी जारी है।
पहनना पड़ा हिजाब
गौरतलब हो कि दूसरे नंबर की 19 साल की तान्या ने 30 मिनट तक चले मुकाबले में हमवतन तासनिम मीर को हराकर फाइनल जीता। पहले गेम में आसान जीत दर्ज की। दूसरे गेम को 21-7, 21-11 से अपने नाम किया। इसके बाद जब मेडल लेने की बारी आई तो तान्या को हिजाब पहने को कहा गया। ऐसा ही कुछ पिछले साल तसनीम के साथ हुआ था। उन्हें भी मेडल लेने के लिए हिजाब पहने को कहा गया था।
पोडियम ड्रेस कोड का कोई जिक्र नहीं
बैडमिंटन के सूत्रों ने बताया कि आयोजकों ने स्पष्ट कर दिया था कि महिला पदक विजेताओं के लिए हेडस्कार्फ अनिवार्य था। हालांकि, टूर्नामेंट के प्रॉस्पेक्टस में पोडियम ड्रेस कोड का कोई जिक्र नहीं था। साथ ही प्रॉस्पेक्टस में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के प्रतियोगिता नियमों में कपड़ों के नियमों के बारे में बात की गई है।