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    जानें वनडे विश्व कप 2023 से भारत को क्या मिला

    WC 2023

    वनडे विश्व कप 2023 का समापन हो गया है और भारत ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना किया है। इसके पश्चात, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टी20 मैचों की सीरीज होगी। वनडे विश्व कप 2023 में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे टीम को कई खुशियां मिलीं। सूर्यकुमार यादव के अलावा, रोहित, विराट, और श्रेयस अय्यर ने बल्ले के साथ शानदार रन बनाए। लोकेश राहुल ने विकेटकीपर के रूप में भी अच्छा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों में मोहम्मद शमी और बुमराह ने लाजवाब गेंदबाजी की। इससे भारतीय टीम को सामूहिक रूप से समर्थन मिला है।

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    रोहित शर्मा

    भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया। रोहित शर्मा ने 11 मुकाबलों में 54.27 के औसत और 125.94 के स्ट्राइक रेट से 597 रन बनाए। उनके बल्ले से एक शतक और तीन अर्धशतक निकले। रोहित भी एक मैच में खाता नहीं खोल पाए थे। हालांकि, उन्होंने तेजी से रन बनाने की जिम्मेदारी ली थी। इसी वजह से इस टूर्नामेंट में उन्होंने 66 चौके और 31 छक्के जड़ दिए। रोहित के लिए लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करना मुश्किल होगा, लेकिन आने वाले एक दो साल में वह इसी तरह का प्रदर्शन कर भारत को कई मैच जिता सकते हैं।

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    विराट कोहली

    विराट कोहली ने इस विश्व कप के 11 मुकाबलों की 11 पारियों में 765 रन बनाए। उनका औसत 95.62 और स्ट्राइक रेट 90.31 का रहा। उनके बल्ले से तीन शतक और छह अर्धशतक निकले। एक मुकाबले में वह खाता खोले बिना आउट हो गए, लेकिन बची हुई 10 पारियों में नौ बार 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया। वहीं, तीन मुकाबलों में वह नाबाद लौटे। कोहली का लय में लौटना भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद सुखद है। वह इसी तरह से खेले तो आने वाले समय में सचिन के 100 शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं और भारतीय फैंस को खुशियां मनाने के कई लम्हें दे सकते हैं।

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    श्रेयस अय्यर

    इस विश्व कप में भारत के लिए सबसे सुखद पहलू श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी रही। आईपीएल में लगी चोट के चलते वह लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहे। सर्जरी के बाद उन्होंने विश्व कप से पहले एशिया कप में वापसी की। वह बहुत अच्छी लय में नहीं दिख रहे थे, लेकिन इस विश्व कप में उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। श्रेयस ने 11 पारियों में 530 रन बनाए। उनका औसत 66.25 और स्ट्राइक रेट 113.24 का रहा। उन्होंने लंबे समय से चली आ रही मध्यक्रम की समस्या खत्म की है। वह जल्दी विकेट गिरने पर पारी संभाल सकते हैं और अंत के ओवरों में तूफानी अंदाज में रन बनाने का माद्दा भी रखते हैं। उनकी उम्र भी 28 साल है, ऐसे में वह लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की सेवा कर सकते हैं।

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    लोकेश राहुल

    31 साल के लोकेश राहुल ने इस विश्व कप में अपनी प्रतिभा के साथ पूरा न्याय किया। मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने हर बार दबाव से टीम को बाहर निकाला और जरूरत पड़ने पर तेजी रन भी बनाए। इस टूर्नामेंट में उनके बल्ले से 10 पारियों में 452 रन निकले। उनका औसत 75.33 और स्ट्राइक रेट 90.76 का रहा। फाइनल में भी उन्होंने दबाव भरे हालातों में 66 रन की शानदार पारी खेली। सबसे अहम पहलू उनकी विकेटकीपिंग रही। डीआरएस से लेकर मुश्किल कैच पकड़ने तक, राहुल ने हर मौके पर सभी को प्रभावित किया। वह अगले विश्व कप तक भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम में कमाल कर सकते हैं।

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    मोहम्मद शमी

    मोहम्मद शमी की गेंदबाजी भारत के लिए इस विश्व कप में सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली चीज रही। हालांकि, शमी लंबे समय से भारत के लिए खेल रहे हैं और लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। इसके बावजूद वह इस विश्व कप में उन्होंने जो किया वह ऐतिहासिक है। भारतीय पिचों पर शमी ने लगातार विकेट चटकाए और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। अन्य खिलाड़ियों ने 11 मैच खेले, लेकिन शमी ने सात मैचों में ही सभी को पीछे छोड़ दिया। 33 साल के शमी आने वाले समय में सफेद गेंद के साथ टीम को कई मैच जिता सकते हैं।

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    कुलदीप और रवींद्र

    कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी ने भी इस विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाया। इन दोनों ने जब भी मौका मिला, तब अच्छी गेंदबाजी की और बीच के ओवरों में विकेट निकालकर दिए। इससे विपक्षी टीम अधिकतर मुकाबलों में भारत के खिलाफ बड़ी साझेदारी नहीं कर सकीं। इसी वजह से पूरे टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ 300 रन नहीं बने।

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