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    कैबिनेट ने 6.4 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का किया फैसला

    broadband

    ब्रॉडबैंड: देशभर में 37 लाख रूट किलोमीटर (आरकेएम) ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की व्यापक विस्तार की गई है, जिसमें से बीबीएनएल ने 7.7 लाख रूट किलोमीटर का कवरेज प्रदान किया है।

    केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक गांव में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। भारतनेट परियोजना के तहत देश भर के 6.4 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी दी जाएगी। आपको बता दें कि वर्तमान में भारतनेट परियोजना के तहत करीब 1.94 लाख गांवों को जोड़ा गया है और बाकी को ढाई साल में जोड़ने की संभावना है।

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    इन गावों में ग्रामीण स्तर के उद्यमी (वीएलई), बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) की मदद से ब्रॉडबैंड इंटरनेट इंस्टॉल कराया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत चार जिलों के गांवों को जोड़ने के लिए हुई थी और बाद में इसे 60,000 तक विस्तारित किया गया।

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    ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट में 3,800 उद्यमी शामिल, 60,000 गांवों में 3.51 लाख कनेक्शन प्रदान किए गए

    सूत्रों के मुताबिक 60,000 गांवों के लिए चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट में करीब 3,800 उद्यमी शामिल थे, जिन्होंने 3.51 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान किए। प्रति घर औसत डाटा खपत 175 गीगाबाइट प्रति माह दर्ज की गई है। यह परियोजना बीबीएनएल और वीएलई के बीच 50 प्रतिशत राजस्व-साझाकरण के आधार पर शुरू की जा रही है और मासिक ब्रॉडबैंड योजना की कीमत 399 रुपये से शुरू होती है।

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    देश में 37 लाख रूट किलोमीटर (आरकेएम) ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई गई है, जिसमें से बीबीएनएल ने 7.7 लाख रूट किलोमीटर बिछाया है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन ने ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाना शुरू कर दिया है जहां लोगों ने फोन पर ही डॉक्टरों की मदद से इलाज कराना शुरू कर दिया है। इस परियोजना से देश में 2.5 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

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