इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (आईएसरो) ने शनिवार को सुबह 10 बजे, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान मिशन के परीक्षण यान (टेस्ट व्हीकल) को उड़ान भरने के लिए लॉन्च किया। इस परीक्षण यान का नाम अबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) रखा गया है। इस मिशन को दो बार रोक देने के बाद 10 बजे उड़ान भरने का निर्णय लिया गया। आईएसरो के मुख्य एस सोमनाथ ने बताया कि प्राथमिकता तकनीकी कारणों के कारण पहले इस मिशन को रोक दिया गया था।
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गगनयान की दो बार टली लॉन्चिंग
- श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे 8 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम ठीक नहीं होने कारण इसका टाइम बदलकर 8.45 किया गया।
- गगनयान के परीक्षण मिशन को लॉन्चिंग से 5 सेकंड पहले होल्ड कर दिया गया। इसरो प्रमुख ने कहा कि, टेस्ट फ्लाइट उड़ान नहीं भर पाई, क्योंकि इसके इंजन शुरू नहीं हुए।
- इसरो ने बताया कि, गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। गगनयान की टेस्ट फ्लाइट सुबह 10 बजे लॉन्च हुई।
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पीएम मोदी ने ISRO को दिया लक्ष्य
- प्रधानमंत्री ने हालिया चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलता के मद्देनजर निर्देश दिया कि भारत को अब 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने सहित नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।
- इस सोच को साकार करने के लिए अंतरिक्ष विभाग चंद्र अन्वेषण के लिए एक खाका तैयार करेगा।
- बयान में कहा गया कि इसमें चंद्रयान मिशन की एक श्रृंखला, अगली पीढ़ी के एक प्रक्षेपण यान (NGLV) का विकास, एक नए लॉन्च पैड का निर्माण, मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना शामिल होगी।
- अंतरिक्ष विभाग ने गगनयान मिशन का एक समग्र अवलोकन पेश किया, जिसमें ‘ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल’ और प्रणाली दक्षता जैसी अब तक विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया गया।
- इस बात पर गौर किया गया कि ‘ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल’ (HLVM3) के तीन मानव रहित मिशन सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है।
- पीएम मोदी ने भारत की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त किया और अंतरिक्ष अन्वेषण में नई ऊंचाइयां छूने को लेकर देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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