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    भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में खाली पड़े हैं 45 हजार से ज्यादा पद

    AI jobs in India

    एक तरफ दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते इस्तेमाल से नौकरियों पर खतरे की आशंका बढ़ रही है। इस समय भारत में एआई से जुड़ी 45,000 नौकरियां खाली पड़ी हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

    टीम लीज डिजिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, एआई सेक्टर की नौकरियों में शुरुआती तनख्वाह भी 10 लाख रुपये से लेकर 14 लाख रुपये सालाना तक मिल रही है। वहीं, ज्यादा अनुभव वाले लोगों को इसकी दोगुनी सैलरी तक मिल सकती है। 

    रिपोर्ट के मुताबिक, यह मौके हेल्थकेयर से लेकर रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में हैं। भारत में इन क्षेत्रों में नौकरी आने वाले समय में देश के एआई बाजार को बढ़ाएगी, जिससे पिछले साल ही 12.3 अरब डॉलर का राजस्व आया था। इसके आगे भी 20 फीसदी के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है और 2025 तक इसके जरिए मिलने वाले राजस्व के 450-500 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो कि भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का 10 फीसदी है।

    AI

    टीमलीज डिजिटल के मुख्य व्यवसाय अधिकारी, शिव प्रसाद नंदूरी ने कहा कि आज के तेजी से विकसित हो रहे जॉब मार्केट में, AI स्किल डेवलप करने से करियर में तो बढ़ोतरी हो ही रही है, साथ ही रोजगार भी बढ़ रहा है। ऑटोमेशन और AI उद्योगों के सभी क्षेत्रों में बदलाव ला रहे हैं ऐसे में AI और इसके अनुप्रयोगों की बुनियादी समझ होने से व्यक्तियों को जॉब मार्केट में और लोगों की अपेक्षा प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल सकती है।

    नंदूरी ने आगे कहा कि AI स्किल विकसित करने से बेहतर सैलरी वाली नौकरी मिल सकती है और व्यक्तियों को लगातार बदलते नौकरी परिदृश्य में प्रासंगिक और अनुकूल रहने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘स्किल में सुधार शुरू करने में कभी देर नहीं होती है, और AI स्किल डेवलप करना व्यक्तियों और उनके करियर के लिए लंबे समय वाला लाभ प्रदान कर सकता है।’

    टीमलीज डिजिटल द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 37 फीसदी संगठन अपने उन कर्मचारियों को ज्यादा पसंद करता है जिन्हें AI के बारे में नॉलेज है और 30 फीसदी संगठनों ने कहा कि AI सीखने से छिपी प्रतिभाओं को निखारा किया जा सकेगा और इसकी आवश्यकता है। 56 फीसदी संगठनों ने बताया कि AI मांग-आपूर्ति प्रतिभा अंतर (demand-supply talent gap) को भरने के लिए आवश्यक पहल की जा रही है।

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