इसरो ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। इसरो ने बताया कि एमिसैट के साथ-साथ अन्य देशों की 28 सैटेलाइट्स भी अलग-अलग कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले पीएसएलवी C-45 ने इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट एमिसैट को सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस उपग्रह एमिसैट को पीएसएलवी C-45 से इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। बता दें कि इसरो का यह पहला ऐसा मिशन है, जो तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइट्स को स्थापित करेगा। पीएसएलवी C-45 के जरिए जो सैटेलाइट्स लॉन्च किए गई हैं, उनमें सबसे महत्वपूर्ण है EMISAT यानी इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट है।
इसरो के मुताबिक अबकी बार लांच के लिए चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल संस्करण का उपयोग किया जा रहा है। पीएसएलवी का उपयोग भारत के दो प्रमुख मिशनों में किया जा चुका है। 2008 में चंद्रयान में और 2013 में मंगल मिशन में। बताया जा रहा है कि EMISAT सैटेलाइट की खासियत है कि यह दुश्मन के इलाकों का सही इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने की त्रुटिहीन जानकारी देगा। वही साथ ही दुश्मन के इलाके में मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की भी सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।
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