केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को संसद में कहा कि एआई के अपनाने से भारत में नौकरियां नहीं जाएंगी, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर दिग्गजों के बीच अक्सर बहस होती है कि इसे अपनाने और विभिन्न क्षेत्रों में लागू करने से इंसानों के रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे या नहीं। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को संसद में इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि एआई के प्रयोग से भारत में नौकरियां नहीं जाएंगी, बल्कि इसके विपरीत यह नई तकनीक रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।
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तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में एआई के कारण नौकरियों के नुकसान की चिंताओं पर प्रश्न उठाया। इसका जवाब देते हुए मांडविया ने कहा कि जब इंटरनेट आया था, तब भी इसी तरह की अटकलें लगाई गई थीं कि इससे नौकरियां जाएंगी। कंप्यूटर के आने पर भी ऐसा ही कहा गया था। लेकिन आज यह स्पष्ट है कि इस तरह की तकनीकी प्रगति से अधिक अवसर ही उत्पन्न हुए हैं। इसलिए, एआई का उपयोग भी नए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
मोदी सरकार के कदमों से बेरोजगारी में कमी: श्रम बल भागीदारी दर 44% तक पहुँची – मनसुख मांडविया
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इस दौरान मनसुख मांडविय श्रम मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश में बेरोजगारी दर में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 38% से बढ़कर 44% हो गई है। पश्चिम बंगाल में पर्याप्त नौकरियों की कमी के बारे में बनर्जी के सवाल उठाए जाने पर मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग राज्य में इंडस्ट्रीज के सामने आंदोलन चलाते रहते हैं, उन्हें यह पता होना चाहोगे कि इसका असर नौकरियों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी को देखते हुए, राज्य सरकार को ज्यादा निवेश और उद्योगों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए था।
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