भारतीय नौसेना के बेड़े में आज एक और अध्याय जुड़ गया। आज आईएनएस वेला सबमरीन भारतीय नौसेना में शामिल हो जा गई। नौसेना के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में इसको भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इसके साथ ही भारतीय नौसेना की ताकत कहीं अधिक बढ़ जाएगी।
इसके जरिए दुश्मन पर करीब से नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा इससे नौसेना की मारक क्षमता में भी इजाफा हो जाएगा। आपको बता दें कि ये एक स्कार्पियन क्लास की सबमरीन है जो प्रोजेक्ट 75 का हिस्सा है।भारतीय नौसेना ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।
इससे पहले नेवी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ये आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाई गई है और ये एक टीम वर्क और तकनीक का परिणाम है। मझगांव डाक लिमिटेड में नी ये चौथी पनडुब्बी है जिसको 25 नवंबर 2021 को नौसेना में शामिल किया जाएगा।
आज भारतीय नौसेना को मिलेगी INS वेला
दरअसल, कलावरी क्लास सबमरीन यानी पनडुब्बी INS वेला आज नौसेना में शामिल होने वाली है. आईएनएस वेला, कलावरी क्लास की चौथी सबमरीन है, जो 221 फीट लंबी, 40 फीट ऊंची और 1565 टन वजनी है. INS वेला में मशीनरी सेट करने के लिए लगभग 11 किलोमीटर लंबी पाइप और करीब 60 किलोमीटर की केबल फिटिंग की गई है.
यह सबमरीन स्पेशल स्टील से बनी है, इसमें हाई टेंसाइल स्ट्रेंथ है जो पानी के अंदर ज्यादा गहराई तक जाकर ऑपरेट करने में सक्षम है. इसकी स्टील्थ टेक्नोलॉजी इसे रडार सिस्टम को धोखा देने योग्य बनाती है यानी रडार इसे ट्रैक नहीं कर पाएगा. यह दुश्मन को भनक लगाए बिना ही अपना काम पूरा कर सकती है. इसके अलावा इसे किसी भी मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है.
INS वेला में हैं 360 बैटरी सेल्स
आईएनएस वेला में दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन लगाए गए हैं. इसमें 360 बैटरी सेल्स हैं. प्रत्येक का वजन 750 किलोग्राम के करीब है. इन्हीं बैटरियों के दम पर आईएनएस वेला 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय कर सकती है. यह सफर 45-50 दिनों का हो सकता है. ये सबमरीन 350 मीटर तक की गहराई में भी जाकर दुश्मन का पता लगा सकती है.