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    रूस-यूक्रेन जंग के बाद जापान भी अपनी सुरक्षा को लेकर सचेत हो गया है। जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने एक अहम घोषणा की है। LDP अब देश में न्यूक्लियर वेपन्स को विकसित करने और तैनात करने की संभावनाओं पर चर्चा कराएगी। दूसरे विश्व युद्ध में परमाणु हमला झेल चुके जापान में, लंबे समय से तीन नॉन न्यूक्लियर प्रिंसिपल्स का पालन किया जा रहा है।

    जापान काे लगता है कि उसे पूर्वी यूरोप में हाे रही जंग ने देश की सुरक्षा पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर किया है। यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अन्य देशों को यूक्रेन संघर्ष में शामिल होने से रोकने के प्रयास में रूसी परमाणु सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा है। जापान को अब पड़ाेसियाें काे लेकर भी चिंता सता रही है, जिसमें चीन भी शामिल है।

    न्यूक्लियर वेपन्स पड़ोसी देशों के पास


    चीन ने तेजी से न्यूक्लियर वेपन्स की तैनाती कर कई पड़ाेसी देश की जमीन पर नजरें गड़ाई है और ताइवान पर अपने कंट्रोल का इरादा जताया है। एक और पड़ोसी उत्तर कोरिया ने भी वेपन कैपिसिटी डेवलप कर ली है। इन्हीं कारणाें से बुधवार काे यहां नेशनल सिक्योरिटी को देखने वाले वाले LDP मेंबर्स की बैठक हुई। इसमें एक्सपर्ट्स की सलाह ली जा रही है।

    पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ने न्यूक्लिय-शेयरिंग प्रोग्राम की बात कही

    दरअसल, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजाे आबे ने पिछले दिनाें कहा था कि उनके देश को लंबे समय से

    जारी एक पाबंदी हटा देना चाहिए और न्यूक्लियर वेपन्स पर दाेबारा सक्रिय बहस शुरू करनी चाहिए। शिंजाे ने कहा

    था कि-नाटाे की तरह संभावित न्यूक्लियर-शेयरिंग प्रोग्राम बनाया जाए।

    जापान ने परमाणु अप्रसार संधि पर साइन किए हैं और इसके तीन नॉन न्यूक्लियर प्रिंसिपल्स हैं, लेकिन इस पर

    बात करने के लिए कोई मनाही नहीं है कि दुनिया सुरक्षित कैसे रह सकती है। यूक्रेन ने सोवियत यूनियन

    से अलग होते समय सुरक्षा गारंटी के लिए कुछ न्यूक्लियर वेपन रखा होता तो शायद उसे, रूसी हमले का

    सामना नहीं करना पड़ता।

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