वुमन रोबोट एस्ट्रोनॉट ह्यूमनॉइड व्योममित्रा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उदार गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरने का संकल्प किया गया है। इस बड़ी घोषणा की जानकारी ने दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रदान की।
ह्यूमनॉइड का मतलब ऐसे रोबोट से है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इंसान जैसा बर्ताव कर सकता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मानवरहित व्योममित्रा मिशन इसी साल जुलाई 2024 के बाद निर्धारित किया गया है। जबकि गगनयान 2025 में भेजा जाना है।
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कौन है ह्यूमनॉइड व्योममित्रा
व्योममित्रा संस्कृत के दो शब्दों व्योम जिसका अर्थ है अंतरिक्ष और मित्र से मिलकर बना है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह व्योममित्रा मॉड्यूल के पैरामीटर्स की निगरानी करने चेतावनी जारी करने और लाइफ सपोर्ट ऑपरेशन्स कर सकती है। इसे ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे यह अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण कर सके।
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ह्यूमनॉइड कैसे काम करता है
ह्यूमनॉइड एक तरह के रोबोट हैं, जो इंसान की तरह चल-फिर सकते हैं। मानवीय हाव-भाव भी समझ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए सवालों के जवाब भी दे सकते हैं। ह्यूमनॉइड के दो खास हिस्से होते हैं, जो उन्हें इंसान की तरह प्रतिक्रिया देने और चलने फिरने में मदद करते है
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भारत के पहले मैन स्पेस मिशन है गगनयान
गगनयान की टेस्ट व्हीकल फ्लाइट-टीवीडी 1 पिछले साल 21 अक्टूबर को हुई थी। इसका मकसद इमरजेंसी में क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग करना था। लॉन्चिंग व्हीकल मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रोपल्शन स्टेजेज प्रॉपर वर्किंग हैं। इसकी लॉन्चिंग की सभी तैयारियां हो चुकी हैं।
गगनयान प्रोजेक्ट के तहत अंतरिक्ष यात्रियों के दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेज जाएगा। फिर इन्हें समुद्र में उतारकर पृथ्वी पर वापस लाने की सुरक्षित प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जाएगा।
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