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    फेसबुक को ईयू में विश्वासघात करने वाले कृत्य के आरोप, झेलना पड़ सकता है विश्वासघात का मुकदमा

    2016 में ईयू में लांच फेसबुक ने अपना ऑनलाइन मार्केटप्लेस

    आने वाले दिनों में इंटरनेट मीडिया साइट फेसबुक को यूरोपीय यूनियन (ईयू) में विश्वासघात करने वाले कृत्य के आरोप का सामना करना पड़ सकता है। उसके खिलाफ यह मुकदमा ईयू की उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की ओर से हो सकता है।

    फेसबुक ने अपना ऑनलाइन मार्केटप्लेस 2016 में ईयू में लांच किया था। उसी को लेकर विवाद की स्थिति बनी है। इसके जरिये 70 देशों में मौजूद फेसबुक के 80 करोड़ यूजर सामान खरीद और बेच सकते हैं।

    यह जानकारी मामले से जुड़े एक सूत्र ने दी है। अगर ईयू में फेसबुक के खिलाफ भी यह मामला शुरू हो गया तो वह अन्य दिग्गज अमेरिकी कंपनियों- गूगल, एप्पल और अमेजन की श्रेणी में आ जाएगी, जो ईयू में पहले से मुकदमों का सामना कर रही हैं।

    यूरोपीय कमीशन ने 2019 में इस कारोबार के सिलसिले में फेसबुक के पास सवालों की फेहरिश्त भेजी थी। इसमें ऑनलाइन क्लासीफाइड विज्ञापन दिखाने के लिए मानदंडों के संबंध में जानकारी मांगी गई थी।

    अब प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने कहा है कि फेसबुक ने उस समय अपने जवाब में जो बातें कहीं थीं, उनका फेसबुक उल्लंघन कर रहा है। इससे साफ-सुथरी प्रतिद्वंद्विता के नियमों को चोट पहुंच रही है।

    ईयू की कंपनियों का आरोप है कि FBउपभोक्ताओं तक अपनी बड़ी पहुंच का फायदा उठाकर अनैतिक कार्य कर रहा है। मामले पर FB और यूरोपियन कंप्टीशन कमिश्नर ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।

    वैसे मामले में अगर जांच शुरू होती है और उसमें मुकदमे की स्थिति बनती है, तो वह प्रक्रिया कई वर्ष तक चल सकती है।

    उसमें दोषी साबित होने पर FB पर कई अरब डॉलर का जुर्माना लग सकता है।

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