बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ रेप के केस को खत्म करने की मांग पर सुनवाई के दौरान एक वकील को फटकार लगाई है। साथ ही वकील पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ये पैसे दो हफ्ते के भीतर कीर्तिकर लॉ लाइब्रेरी जमा करने होंगे। दरअसल, वकील ने याचिका के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें अटैच की थीं।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने वकील को याचिका में अटैच की गई आपत्तिजनक तस्वीरों को हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सभी वकीलों को ऐसी तस्वीरों को अटैच करते समय संयम बरतना चाहिए। इससे पीड़ित की पहचान उजागर हो सकती है। कोर्ट ने वकील से कहा कि वे याचिका की कॉपीज से भी इन तस्वीरों को तुरंत हटा दे।
अदालत की अनुमति से तस्वीरें पेश हों
इस आदेश के बाद एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (AAWI) ने भी एक नोटिस जारी किया है। इसमें वकीलों को महिलाओं के खिलाफ अपराध की याचिकाओं के साथ आपत्तिजनक/अश्लील फोटो/वीडियो अटैच करने से परहेज करने को कहा है। हालांकि, वे याचिका की सुनवाई के समय अदालत की अनुमति से हाईकोर्ट के समक्ष ऐसी चीजें पेश करने की अनुमति मांग सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
जस्टिस मोहिते-डेरे और जस्टिस श्रीराम एम मोदक की पीठ 7 अक्टूबर को एक महिला की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि सुनवाई के दौरान, हमें याचिकाकर्ता के वकील की ओर से उक्त याचिका में अटैच आपत्तिजनक तस्वीरें मिलीं। इससे कई जगह सर्कुलेट किया गया है, जिससे पीड़ित की पहचान का खुलासा हुआ है और उसकी गरिमा को भी ठेस पहुंची है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को उक्त तस्वीरों को तुरंत हटाने का आदेश दिया। इन तस्वीरों को जहां भी भेजा गया है, वहां से भी वापस लिया जाए। कोर्ट ने अधिवक्ताओं, सदस्यों, फाइलिंग क्लर्कों को सलाह दी है कि वे इस तरह की तस्वीरों को याचिका में अटैच न करें। इस मामले में अब 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी।