क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) ने मंगलवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप के मैच से पहले ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (BLM) अभियान के समर्थन में खिलाड़ियों को घुटने के बल बैठने का निर्देश दिया था.
लेकिन Quinton de Kock ने इस निर्देश को मानने से इनकार कर दिया.
इससे पहले भारतीय टीम ने भी रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पूर्व ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ वैश्विक मुहिम के तहत घुटने के बल बैठकर नस्लवाद का विरोध किया था।
मैच के बाद विराट कोहली ने कहा था कि उन्हें ऐसा करने के लिए टीम मैनेजमेंट की ओर से निर्देश मिले थे।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 में मुंबई इंडिंयस का हिस्सा रहे दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डीकॉक पर आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट बोर्ड ने अपने सभी खिलाड़ियों के लिए मैच से पहले घुटने पर बैठना अनिवार्य कर दिया है।
बोर्ड नस्लभेद के खिलाफ अपना समर्थन दिखाने के लिए ऐसा कर रहा है।
इसके बाद क्विंटन डिकॉक ने मैच खेलने से मना कर दिया।
चूंकि, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को टी20 विश्व कप के उनके सभी मुकाबलों से पहले नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन का घुटने के बल बैठकर समर्थन जताने का निर्देश दिया है।
ऐसे में क्विंटन डिकॉक के विश्व कप के अन्य बचे मुकाबलों में भी खेलने की उम्मीद बेहद कम है।
सीएसए ने सोमवार यानी 25 अक्टूबर 2021 की शाम सर्वसम्मति से इस पर रजामंदी जताई कि दक्षिण अफ्रीका के सभी खिलाड़ी बाकी मैचों की शुरूआत से पहले घुटने के बल बैठेंगे।
बोर्ड ने कहा, ‘सभी संबंधित मसलों पर गौर करने के बाद बोर्ड का यह मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को देखते हुए नस्लवाद के खिलाफ एकजुट और लगातार विरोध प्रदर्शन जरूरी है।’
Quinton de Kock पहले भी नस्लभेद के खिलाफ एकजुटता दिखाने से मना कर चुके हैं
क्विंटन डीकॉक पहले भी नस्लभेद के खिलाफ एकजुटता दिखाने से मना कर चुके हैं।
उनका कहना है कि हर इंसान की अपनी सोच होती है।
किसी को भी कोई काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि Quinton de Kock ने किस वजह से यह मैच खेलने से मना किया है।
टॉस के बाद कप्तान टेम्बा बावुमा ने कहा कि क्विंटन डीकॉक निजी कारणों से नहीं खेल रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड ने 25 नवंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था।
उस आदेश में खिलाड़ियों को 3 विकल्प दिए गए थे, जिसके जरिए वो नस्लवाद के खिलाफ अपना समर्थन दे सकते हैं।
एक- खिलाड़ी घुटने के बल बैठ सकते थे।
दूसरा- अपनी मुट्ठी ऊपर करके खड़े हो सकते थे।
तीसरा- सावधान की मुद्रा में खड़े हो सकते थे।
इसके बाद टेस्ट सीरीज में सभी खिलाड़ियों ने इनमें से कोई न कोई तरीका स्वीकार करके नस्लभेद का विरोध किया था।
डिकॉक तब भी हाथ पीछे करके साधारण मुद्रा में खड़े नजर आए थे।