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    स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से आज हर कोई स्तब्ध है। 92 वर्षीय महान गायिका का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 28 दिनों तक कोविड-19 और इसकी जटिलता से जूझती रहीं दिल्ली के जेएनयू ।

    लता जी का क्रिकेट प्रेम जगजाहिर था। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आज भी उनकी यादें जुड़ी हैं।

    साल 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप की जीत के बाद यहां लाइव कॉन्सर्ट किया था। भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार लता जी ने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं। दिल्ली सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाए हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में बसे हैं।

    लता जी को भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है|

    और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा जा चुका है। दिल्ली के जेएनयू , इसके अलावा लता को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

    दिल्ली के जेएनयू स्टेडियम से भी जुड़ी हैं लता जी की यादें

    साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने जब लॉर्ड्स के मैदान पर वर्ल्ड कप थामा था |

    तब बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष और इंदिरा गांधी सरकार के धाकड़ मंत्री दिवंगत एनकेपी साल्वे के सामने सबसे बड़ा सवाल यह था|

    इस जीत का जश्न मनाने के लिए पैसा कहां से आएगा।

    उस समय भारतीय क्रिकेट दुनिया की महाशक्ति नहीं बना था |

    और आज के क्रिकेटरों की तरह धनवर्षा भी उस समय क्रिकेटरों पर नहीं होती थी।

    आज बीसीसीआई के पास करीब पांच अरब डॉलर का टीवी प्रसारण करार है|

    लेकिन तब खिलाड़ियों को बमुश्किल 20 पाउंड दैनिक भत्ता मिलता था।

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