दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हवा के तेज दबाव का क्षेत्र पिछले 3 घंटों के दौरान 11 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर चला गया है और आज, 06 जून, 2023 को क्षेत्र में गोवा से 950 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1100 किमी दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1190 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1490 किमी दक्षिण में केंद्रित रहा है। इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण पूर्व में एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है।
मुम्बई से करीब 1100 और गोवा से 950 किलोमीटर दूर अरब सागर में बना हवा का कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटो में यह डिप्रेशन चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो जाएगा। इससे पहले कल (सोमवार) को मौसम विभाग ने इस अरब सागर में बन रहे तूफान के चलते 8-12 जून तक मुम्बई,ठाणे,पुणे समेत कोंकण के कई इलाकों में तेज़ बारिश और हवा चलने की आशंका जताई थी।
चक्रवात बिपारजॉय एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इसके अगले 48 घंटों में और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदलने की उम्मीद है और बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान अपनी तीव्रता तक पहुंच सकता है। चक्रवात का ट्रैक अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की संभावना है। चक्रवात बिपारजॉय इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है।
चक्रवात से भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। देश के कुछ राज्यों-गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में चक्रवात के कारण भारी बारिश होने की उम्मीद है। तेज हवाओं से बिजली गुल हो सकती है और संपत्ति को नुकसान हो सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है।
कैसे नाम मिला बिपरजॉय
चक्रवात को बाइपरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम देता है। बांग्लादेश ने बिपरजॉय नाम दिया, जिसका अर्थ बंगाली में “खुशी” है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) चक्रवात की बारीकी से निगरानी कर रहा है और आवश्यकतानुसार सलाह जारी करेगा। तटीय क्षेत्रों के निवासियों को चक्रवात से संभावित बाढ़ और अन्य प्रभावों के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।